धर्म-अध्यात्म

Sankashti Chaturthi का व्रत, पूजन के समय करें इस मंत्र का जाप

Tara Tandi
18 Nov 2024 10:39 AM GMT
Sankashti Chaturthi का व्रत, पूजन के समय करें इस मंत्र का जाप
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Sankashti Chaturthi ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन विनायक चतुर्थी को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में आता है यह तिथि गणपति की पूजा अर्चना को समर्पित है इस दिन भक्त भगवान को प्रसन्न रखने के लिए पूजा पाठ और व्रत आदि करते हैं।
संकष्टी चतुर्थी को नई शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है इस दिन लोग नए कार्य की शुरुआत करते हैं। मार्गशीर्ष मास की संकष्टी चतुर्थी आज यानी 18 नवंबर दिन सोमवार को मनाई जा रही है इस दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना और व्रत करना लाभकारी माना जाता है मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी पर पूजा पाठ करने से प्रभु की असीम कृपा बरसती है लेकिन इसी के साथ ही अगर आज पूजा के समय गणेश जी के 108 नामों का जाप किया जाए तो भगवान जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और सारे काम बनने लगते हैं, तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं श्री गणेश के 108 नाम।
भगवान गणेश के 108 नाम—
1. ॐ गजाननाय नमः
2. ॐ गणाध्यक्षाय नमः
3. ॐ विघ्नराजाय नम
4.ॐ विनायकाय नमः
5.ॐ द्वैमातुराय नमः
6.ॐ द्विमुखाय नमः
7.ॐ प्रमुखाय नमः
8.ॐ सुमुखाय नमः
9.ॐ कृतिने नमः
10.ॐ सुप्रदीपाय नमः
11.ॐ सुखनिधये नमः
12.ॐ सुराध्यक्षाय नमः
13.ॐ सुरारिघ्नाय नमः
14.ॐ महागणपतये नमः
15.ॐ मान्याय नमः
16.ॐ महाकालाय नमः
17.ॐ महाबलाय नमः
18.ॐ हेरम्बाय नम
19.ॐ लम्बजठरायै नमः
20.ॐ ह्रस्व ग्रीवाय नमः
21.ॐ महोदराय नमः
22.ॐ मदोत्कटाय नमः
23.ॐ महावीराय नमः
24.ॐ मन्त्रिणे नमः
25.ॐ मङ्गल स्वराय नमः
26.ॐ प्रमधाय नम
27.ॐ प्रथमाय नमः
28.ॐ प्राज्ञाय नमः
29.ॐ विघ्नकर्त्रे नमः
30.ॐ विघ्नहर्त्रे नमः
31.ॐ विश्वनेत्रे नमः
32.ॐ विराट्पतये नमः
33.ॐ श्रीपतये नमः
34.ॐ वाक्पतये नमः
35.ॐ शृङ्गारिणे नमः
36.ॐ अश्रितवत्सलाय नमः
37.ॐ शिवप्रियाय नमः
38.ॐ शीघ्रकारिणे नमः
39.ॐ शाश्वताय नमः
40.ॐ बल नमः
41.ॐ बलोत्थिताय नमः
42.ॐ भवात्मजाय नमः
43.ॐ पुराण पुरुषाय नमः
44. ॐ पूष्णे नमः
45.ॐ पुष्करोत्षिप्त वारिणे नमः
46.ॐ अग्रगण्याय नमः
47.ॐ अग्रपूज्याय नमः
48.ॐ अग्रगामिने नमः
49.ॐ मन्त्रकृते नमः
50.ॐ चामीकरप्रभाय नमः
51.ॐ सर्वाय नमः
52.ॐ सर्वोपास्याय नमः
53.ॐ सर्व कर्त्रे नमः
54.ॐ सर्वनेत्रे नमः
55.ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः
56.ॐ सिद्धये नमः
57.ॐ पञ्चहस्ताय नमः
58.ॐ पार्वतीनन्दनाय नमः
59.ॐ प्रभवे नमः
60.ॐ कुमारगुरवे नमः
61.ॐ अक्षोभ्याय नमः
62.ॐ कुञ्जरासुर भञ्जनाय नमः
63.ॐ प्रमोदाय नमः
64.ॐ मोदकप्रियाय नमः
65.ॐ कान्तिमते नमः
66.ॐ धृतिमते नमः
67.ॐ कामिने नमः
68.ॐ कपित्थपनसप्रियाय नमः
69.ॐ ब्रह्मचारिणे नमः
70.ॐ ब्रह्मरूपिणे नमः
71.ॐ ब्रह्मविद्यादि दानभुवे नमः
72.ॐ जिष्णवे नमः
73.ॐ विष्णुप्रियाय नमः
74.ॐ भक्त जीविताय नमः
75.ॐ जितमन्मधाय नमः
76.ॐ ऐश्वर्यकारणाय नमः
77.ॐ ज्यायसे नमः
78.ॐ यक्षकिन्नेर सेविताय नमः
79.ॐ गङ्गा सुताय नमः
80.ॐ गणाधीशाय नमः
81.ॐ गम्भीर निनदाय नमः
82.ॐ वटवे नमः
83.ॐ अभीष्टवरदाय नमः
84.ॐ ज्योतिषे नमः
85.ॐ भक्तनिधये नमः
86.ॐ भावगम्याय नमः
87.ॐ मङ्गलप्रदाय नमः
88.ॐ अव्यक्ताय नमः
89.ॐ अप्राकृत पराक्रमाय नमः
90.ॐ सत्यधर्मिणे नमः
91.ॐ सखये नमः
92.ॐ सरसाम्बुनिधये नमः
93.ॐ महेशाय नमः
94.ॐ दिव्याङ्गाय नमः
95. ॐ मणिकिङ्किणी मेखालाय नमः
96.ॐ समस्त देवता मूर्तये नमः
97.ॐ सहिष्णवे नमः
98.ॐ सततोत्थिताय नमः
99.ॐ विघातकारिणे नमः
100.ॐ विश्वग्दृशे नमः
101.ॐ विश्वरक्षाकृते नमः
102.ॐ कल्याणगुरवे नमः
103.ॐ उन्मत्तवेषाय नमः
104.ॐ अपराजिते नमः
105.ॐ समस्त जगदाधाराय नमः
106.ॐ सर्वैश्वर्यप्रदाय नमः
107. ॐ आक्रान्त चिद चित्प्रभवे नमः
108. ॐ श्री विघ्नेश्वराय नमः
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